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रीवा में वाहन दुर्घटनाओं को रोकने हुआ मंथन : कलेक्टर ने बसों के अपातकालीन गेटों में लगी सीटों को काटकर जप्त करने दिए निर्देश

मोहनिया घाटी के गड्ढो को भरने, सिलपरा नहर के नीचे सड़क में सुधार सहित विभिन्न खामियों को दूर करने कलेक्टर ने दिए निर्देश
तेज खबर 24 रीवा।
जिले में वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में विचार मंथन किया गया। बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि वाहन दुर्घटना से असमय मौत के साथ संपत्ति और वाहन मालिकों की प्रतिष्ठा की भी हानि होती है। कोई वाहन मालिक नहीं चहता की दुर्घटना हो। वाहन दुर्घटना रोकने के लिए हम सबकों प्रयास करने होंगे। वाहन दुर्घटना रोकना हमारा नैतिक और सामाजिक दायित्व है। दुर्घटना के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण वाहन चालक की लापरवाही होती है। तेज गति वाहन चलाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करना दुर्घटना को निमंत्रण देना है। बस मालिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षात्मक उपाय करें। लंबी दूरी की बसों में 2 चालक रखें, चालकों को 3.4 घंटे की डियूटी के बाद पर्याप्त विश्राम दें। बस चालकों को यातायात के नियमों का पालन करने तथा सुरक्षित गति के साथ बस चलाने के लिए प्रेरित करें। नशा तथा मोबाइल का उपयोग भी कई बार बस दुर्घटना का कारण बनता है। पुलिस अधिकारी बस चालकों की नियमित रूप से जांच करें यदि कोई बस चालक डियूटी के दौरान नशे में पाया जाता है तो कड़ी कार्यवाही करें।
पुलिस व परिवहन विभाग को मिले निर्देश


कलेक्टर ने कहा कि बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सड़कों में सुधार कराया जा रहा है। बस मालिक सड़कों में सुधार के संबंध में बेहतर सुझाव दे सकते हैं। बस मालिकों का मुख्य उद्देश्य परिवहन व्यवसाय से लाभ कमाना है। इसके साथ.साथ यात्रियों और बसों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करें। बसों में आपतकालीन गेट में सीट लगी होने पर उसे कटर से काटकर जप्त करें। इसके साथ.साथ जुर्माने की कार्यवाही करें। जिला परिवहन अधिकारी बसों के फिटनेश नियमित जांच करें। नियमों का पालन करने तथा सबके सहयोग से ही वाहन दुर्घटना पर नियंत्रण किया जा सकेंगा।

बैठक में एसपी ने दिए सुझाव
बैठक में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि बस मालिक इस बात का विशेष ध्यान रखें की कोई भी ड्राइवर नशा करके बस न चलाये। चालानी कार्यवाही से बेहतर है कि ड्राइवरों को समझाइश दी जाय। कोई भी व्यक्ति नहीं चहता है कि दुर्घटना हो जो यात्री बस में सवार होते हैं उनकी घर में और परिवार में कई लोग प्रतीक्षा कर रहे होते हैं। ड्राइवरों को पर्याप्त अराम और अवकाश दें। उनकी सुविधाओं का खयाल रखें। आपके मूल्यवान वाहन को सड़को पर दौड़ाकर कमाई करने वाले ड्राइवर ही होते हैं। बस दुर्घटना होने पर ड्राइवर अथवा कंडेक्टर डायल.100 अथवा 108 नंबर पर फोन लगाकर दुर्घटना की सूचना आवश्यक दें जिससे समय पर सहायता पहुंचयी जा सके। हाइवे में हेल्पलाइन नंबर 1099 पर भी फोन करके दुर्घटना की सूचना दी जा सकती है। सब मिलकर प्रयास करेगे तो वाहन दुर्घटनाएं सीमित होगी। रीवा जिला वाहन दुर्घटनाओं में प्रदेश में 8 स्थान पर है।

हादसों का कारण बनने वाली खामियों को दूर करने के निर्देश
बैठक में बस मालिकों ने भी कई उपयोगी सुझाव दिये। बैठक में कलेक्टर ने मोहनिया घाटी के गड्ढे तत्काल भरने के निर्देश दिये। बैठक में सिलपरा नहर के नीचे सड़क में सुधारए हाइवे में ड्रमों के स्थान पर प्लास्टिक बैरियर लगाने तथा सिरमौर रोड में बनाये गये टोल प्लाजा में तकनीकी कमी को दूर करने का सुझाव दिया गया। बैठक में एमआरडीसी के संभागीय प्रबंध हेमेन्द्र गौतम, परिवहन अधिकारी मनीष त्रिपाठी, डीएसपी यातायात मनोज शर्मा, यातायात प्रभारी दिलीप तिवारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एनएन मिश्रा तथा बड़ी संख्या में बस मालिक उपस्थित रहे।

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