गुलाब की खेती से हर महीने कर रहे 65 हजार की कमाई, 2 हजार वर्गमीटर के पाली हाउस में हो रही गुलाब की खेती
तेज खबर 24 रीवा न्यूज़।
रीवा जिले में आजीविका का प्रमुख आधार खेती है। आज भी हजारों किसान परंपरागत खेती को आधुनिक बनाकर अपने तथा अपने परिवार की आजीविका चला रहे हैं। कई किसानों ने अनाजों की परंपरागत खेती के साथ उद्यानिकी फसलों एवं फूलों की खेती को अपनाकर अच्छा लाभ कमाया है।
जिले के रायपुर कर्चुलियान विकासखण्ड के ग्राम सिरखिनी के किसान व्याघदेव सिंह ने भी फूलों की खेती को अपनाकर अच्छा लाभ कमाया है। अपने दो हजार वर्गमीटर के पॉली हाउस में गुलाबों की खेती करके व्याघदेव को हर महीने लगभग 65 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। गुलाबों की खेती ने व्याघदेव के जीवन में सफलता की सुगंध बिखेर दी है।
अपनी सफलता के संबंध में व्याघ्रदेव ने बताया कि वर्षों से मैं परंपरागत खेती कर रहा था। मौसम प्रतिकूल होने पर खेती में नाम मात्र का लाभ होता था। इससे परिवार की आजीविका चलाना भी कठिन हो गया था। ऐसे में मुझे उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संरक्षित खेती की सलाह मिली। मैंने विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त करके वर्ष 2016 में अपनी जमीन पर 2 हजार वर्गमीटर के पॉली हाउस का निर्माण कराया। मुझे विभाग की ओर से गुलाबों की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। मैंने जुलाई 2016 से गुलाब की खेती शुरू की। खेती के पहले साल में ही मैंने 7 लाख 50 हजार रुपए के गुलाब बेंचे। अब मुझे गुलाबों से हर माह लगभग 65 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। इसकी आय से मैंने शेष बची जमीन को बेहतर करके उसमें खेती को आधुनिक बनाया है। गुलाब की खेती ने मेरा जीवन बदल दिया ।