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जान बचाने की सफलता: 14 वर्षीय बच्चे के मष्तिस्क में थी गांठ, दिखने की क्षमता थी समाप्त, बना था जान का खतरा, फिर ऐसी बची जान…

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा के न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों और टीम ने रचा एक और कीर्तिमान
तेज खबर 24 रीवा।
चिंकित्सा के क्षेत्र में अग्रसर रीवा जिले की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने एक और कीर्तिमान रचा है। अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों और उनकी टीम ने एक जटिल आपरेशन कर 14 वर्षीय मासूम बच्चे को नया जीवन दिया है। बताया जाता है कि बच्चे के मस्तिष्क में गांठ थी जिस वजह से उसमें दिखाई देने की क्षमता खत्म हो चुकी थी और उसकी जान का खतरा बना हुआ था।


दरअसल सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के न्यूरोसर्जरी विभाग में 14 साल के रीवा निवासी मरीज का हाईडेटिड सिस्ट ऑफ ब्रोन का आपरेशन डॉ. ऋषि गर्ग सहायक प्राध्यापक, न्यूरोसर्जरी विभाग द्वारा की गई। डॉ. गर्ग द्वारा बताया गया कि सामान्यतः यह बीमारी लीवर एवं फेफड़ों में होती है परन्तु मस्तिष्क में यह बीमारी बहुत दुर्लभ है। यह हाईडेटिड सिस्ट काफी जटिल प्रोसजिर था जिसमें मरीज के ब्रोन में एक गांठ बन गयी थी, जिसकी वजह से मरीज की दिखाई देने की क्षमता खत्म हो चुकी थी एवं जान जाने की भी संभावना थी, परन्तु मरीज की गंभीर स्थिति को देखते ऑपरेशन करना जरूरी था। जिसके पश्चात डॉ. रंजीत झा विभागाध्यक्ष एवं सह प्राध्यापक, डॉ. कार्तिकेय शुक्ला सहायक प्राध्यापक एवं डॉ. पंकज सिंह चौहान सहायक प्राध्यापक न्यूरोसर्जरी विभाग की टीम की मदद से यह जटिल आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है।


बताया गया कि इस सफल आपरेशन के बाद अब मरीज बिल्कुल स्वस्थ्य है एवं उनके देखने की क्षमता भी अब दिन प्रति दिन ठीक होती जायेगी। अधीक्षक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डॉ. अक्षय श्रीवास्तव द्वारा न्यूरोसर्जरी की संपूर्ण टीम को बधाई दी गई है एवं उनके द्वारा बताया गया की विंध्य क्षेत्र में ऐसे जटिल प्रोसिजर जिसके इलाज के अभाव में मरीज अपनी जान गवाते हैं। यह प्रोसिजर चिकित्सालय में होने से कई ऐसे मरीजों की जान बचाई जा सकेगी, जिससे की मरीजों को बाहर के शहरों में पलायन नहीं करना पड़ेगा।

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