रूस यूक्रेन युद्ध से भारत को लगेगा झटका, 116 डॉलर के पार कच्चा तेल
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर भी बड़ा असर डाला है। इन दोनों ही देशों के बीच जारी जंग के बीच अब पेट्रोल और डीजल के दाम बड़ा झटका दे सकते हैं। मुद्रास्फीति की बढ़ती चिंता के बीच 4 माह में पहली बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने वाले हैं क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आग लगा दी है। बता दें कि 24 फरवरी को उसके हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है। गुरुवार को ब्रेंट 116 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया। इसके अलावा आपूर्ति में व्यवधान से गेहूं सोयाबीन उर्वरक तांबा स्टील और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं की वैश्विक कीमतों को भी प्रभावित किया है। जानकारों की माने तो राज्य की तेल कंपनियों ने सरकार से कहा है कि उन्हें पेट्रोल और डीजल के दामों में 10 से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जरूरत है जिससे माना जा रहा है कि पेट्रोल और डीजल के दाम जल्द ही एक बड़ा झटका दे सकते हैं और 10 से 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है।
7 मार्च के बाद बढ़ सकते हैं दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़े जानकारों की मानें तो 7 मार्च को प्रदेश के पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद तेल कंपनियां चरणबद्ध तरीके से कीमतें बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगी।गौरतलब है कि देश में 4 माह से डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई हैए लेकिन चुनाव के खत्म होते ही कंपनियां कीमतें बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगी। गौरतलब है कि पांच राज्यों में चुनाव के कारण सरकार राजनीतिक नुकसान के अंदेशो से बढ़ोतरी से बच रही थी लेकिन अब कंपनियां कीमतों को बढ़ाने में लगातार जोर दे रही हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि 7 मार्च तक डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी की जा सकती है।