पहली बार गांव के लोगों ने महिला को निर्विरोध चुना सरपंच, आपसी सहमति से गांव में बनी सरकार
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद गांव से लेकर शहर तक उम्मीदवारों के बीच खींचतान मची हुई है, लेकिन कुछ ऐसे भी गांव है जहां बिना चुनाव के ही आपसी सहमति से गांव की सरकार बनाई जा रही है। गौरतलब है कि सरकार निर्विरोध चुने जाने वाली पंचायतों को विकाश के लिये 25 लाख देने और मॉडल गांव बनाने की तैयारी में है ऐसे में गांव के लोग विकाश को अहमियत दे रहे है।
दरअसल रीवा जनपद पंचायत के करहिया नम्बर 1 ग्राम पंचायत के लोगों ने एकता की मिशाल कायम करते हुए महिला सरपंच और 20 पंचो को निर्विरोध चुना है। बताया जाता है कि गांव में दो दो पर्चे दाखिल हुऐ थे लेकन बाद में गांव वालों की आपसी सहमति से गांव की ही महिला को निर्विरोध सरपंच चुना गया और 20 पंचों को भी निर्विरोध चुना गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वह गांव को प्रदेश का मॉडल गांव बनाना चाहते है और सरकार द्वारा दी जाने वाली 25 लाख की राशि को गांव के विकाश में लगाना चाहते है जिसके लिये सभी ने एक राय होकर एकता की मिशाल कायम कर गांव के सरपंच और पंचो को निर्विरोध चुना है। बता दें कि करहिया नम्बर 1 में हुऐ निर्विरोध चुनाव के बाद ग्रामीणों में खुशी का महौल है और ग्रामीण इसे ऐतिहासिक निर्णय बताते हुऐ बेहद ही खुश है।
अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित थी पंचायत
जानकारी के मुताबिक रीवा जनपद की जिस पंचायत में सरपंच और पंचो को निर्विरोध चुना गया है वह पंचायत अनुसूचित जाति वर्ग के लिये आरक्षित थी। बताया गया कि पंचायत में अनुसूचित जाति वर्ग के सिर्फ 8 मतदाता है ऐसे में 8 लोगों के बीच सामंजस्य बनाया गया और पढ़ी लिखी व जागरुक महिला रेखा रावत को निर्विरोध सरपंच चुना गया।
इन्हे चुना गया सरपंच और पंच
रीवा जनपद पंचायत में जिन्हें सरपंच और पंच चुना गया है उनमें सरपंच रेखा रावत पति मुकेश रावत सहित पंच गायत्री साकेत, सुनीता साकेत, संध्या गौड़, रंजना पाण्डेय, उर्मिला शुक्ला, भावना पाठक, जीतेन्द्र कुशवाहा, उमेश सिंह, राधा सेन, प्रियंका साकेत, जय पनीस चौरसिया, बिहारी सेन, राजकमल मांझी, मीरा मांझी, जगजीवन लाल साकेत, सुशीला साकेत, कीर्ति साहू, प्रियंका सिंह, सूर्यपाल यादव व संदीप कुशवाहा शामिल है।