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रीवा में ऐरा प्रथा रोकने की मुहिम तेज : सड़कों से गौशाला भेजे गए मवेशी, पशुपालकों पर एफआईआर दर्ज

कलेक्टर ने ऐरा प्रथा पर लगाया पूर्णतः प्रतिबंधन, उल्लंघन करने वालों पर दण्ड का प्रावधान
तेज खबर 24 रीवा।
जिले के हाइवे सहित सड़कों में विचरण करने वाले मवेशियों को दुर्घटनाओं से बचाने व किसानों की फसलों को ऐरा मवेशियों से बचाने के लिये जिला प्रशासन की ओर से छेड़ी गई मुहिम की शुरुआत की जा चुकी है। गौरतलब है कि मवेशियों के सड़कों पर विचरण करने से अक्सर या तो वाहन चालक सड़क हादसों का शिकार हो जाते है या फिर मवेशी वाहनों की चपेट में आकर काल के गाल में समा जाते है। रीवा कलेक्टर ने इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए ऐरा प्रथा पर प्रतिबंध लगाते हुए मुहिम की शुरुआत कर दी है जिसके तारतम्य में जिले की सड़कों में विचरण कर रहे मवेशियों को पकड़कर गौशाला में पहुंचाया गया तो वहीं पशुपालकों को समझाइस देकर मवेशियों को सड़क पर ना छोड़ने की हिदायत भी दी है।


दरअसल कलेक्टर मनोज पुष्प के निर्देश पर सड़कों में बेसहारा घूमने वाले पशुओं को पकड़कर आज गौशालाओं में भेजा गया है साथ ही मवेशियों को बेसहारा छोड़ने वाले पशुपालकों की पहचान कर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इसके साथ ही पशुपालकों को यह समझाइश भी दी गई है कि वह अपने पशुओं को सड़क पर न छोडें।


आधा दर्जन पशुपालकों पर दर्ज हुई एफआईआर
जानकारी के मुताबिक रीवा शहर के वार्ड क्रमांक 45 में सड़क में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को पकड़कर गौशाला भेजा गया था। बिछिया थाना पुलिस ने पशुपालक बबलू यादव, फूलचन्द्र यादव, बैजनाथ सोधिया, सुशील साकेत, रंगेश साकेत के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही नगर निगम एवं पुलिस के अधिकारियों ने वार्ड के लोगों को समझाइश भी दी कि वह पशुओं को बाहर न छोड़े।


कलेक्टर ने जारी किये निर्देश
जिलें में ऐरा प्रथा पर प्रतिबंध को लेकर कलेक्टर मनोज पुष्प ने आदेश जारी किये हैं। उन्होंने निर्देश दिया हैं कि मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अन्तर्गत संचालित गौशालाओं में पूर्व से रखे हुए गौवंश को रखे तथा गौशाला से बाहर न छोड़े ग्राम एवं उसके आसपास के ग्रामों के गौवंश, नगर निगम, नगर पंचायत से भेजे गए गौवंश को भी अनिवार्य से क्षमता अनुसार गौशाला में रखें अन्यथा गौशाला का संचालन का दायित्व आप से लेकर किसी स्वयंसेवी संस्थाओं को या महिला स्वसहायता समूह को दे दिया जावेगा। पशुओं को पशु मालिकों द्वारा बांधकर रखा जाना चाहिए अधिकांश पशुओं में पशुपालन विभाग द्वारा टैगिंग का कार्य किया जाता है जिनका नंबर उसके मालिक के नाम पर पंजीकृत है ऐसी स्थिति में यदि आपके क्षेत्र अन्तर्गत टैग पशु आवारा पाए जाते हैं तो उनके मालिकों के ऊपर पंचायत अधिनियम के तहत अर्थदण्ड एवं दण्डात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें बार.बार एक ही पशु मालिक के पशु ऐरा पाए जाते हैं तो उनके विरूद्ध क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज करावे। इसी प्रकार यदि ग्राम पंचायत के क्षेत्र में निराश्रित पशुओं की मृत्यु होती है तो शव का निष्पादन पंचायत के अन्तर्गत निर्धारित स्थान में गढ्ढा खोदकर किया जाना सुनिश्चित करें।

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