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REWA की 2 प्राइवेट हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त : नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे थे हॉस्पिटल

पूर्व में मिली अव्यवस्थाओं को सुधारने 1 माह का दिया गया था समय, सीएमएचओं ने की कार्यवाही
तेज खबर 24 रीवा।
रीवा में संचालित 2 प्राइवेट अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। यह अस्पतालें स्वास्थ्य विभाग के बनाए गए नियमों को ताक पर रखकर संचालित की जा रही थी। हांलाकि इन अस्पतालों को व्यवस्थाएं सुधारने के लिये 1 माह का समय भी दिया गया था बावजूद जब सुधार नहीं हुआ तो जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने दोनों ही अस्पतालों की स्वास्थ सेवा को बंद करने का निर्देश देते हुऐ लाइसेंस को निरस्त कर दिया है।
दरअसल जबलपुर में हुए हादसे के बाद प्रदेशभर के प्राइवेट अस्पतालों का स्वास्थ्य विभाग लगातार निरीक्षण कर नियमों के अनुरुप व्यवस्थाएं बना रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लाख समझाइस के बाद भी प्राइवेट अस्पताल संचालक नियकों को दरकिनार कर अस्पतालों का संचालन कर रहे है ऐसे में इन अस्पतालों में अब विभाग ताला लगाने का काम कर रहा है।


इन अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त
दरअसल रीवा जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एनएन मिश्रा ने शहर में संचालित लक्ष्मी हॉस्पिटल व अभिज्योति हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त किया है। बताया गया कि उक्त अस्पतालों का 3 अगस्त को निरीक्षण किया गया था जहां मिली खामियों को दूर करने के लिये एक माह का समय भी दिया गया लेकिन जब एक माह बाद शुक्रवार को एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन अस्पतालों का निरीक्षण किया तो व्यवस्थाएं ज्यों की त्यों मिली। निरीक्षण दल द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ ने उक्त दोनों ही अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया है और उपचार सेवा बंद करने के निर्देश दिए है।

अस्पतालों में मिली यह खामियां
बताया गया कि लक्ष्मी हॉस्पिटल व अभिज्योति हॉस्पिटल का निरीक्षण करने के दौरान शासन के नियमानुसार व्यवस्थाएं नहीं पाई गई। यहां ना तो फॉयर सेफ्टी सर्टिफिकेट मिला और ना ही प्रोविजनल और टेंपरेरी सर्टिफिकेट। इसके अलावा अस्पताल में इलेक्ट्रिकल ऑडिट कंपलाइंस नहीं था और बॉयोमेडिकल बेस्ट का पंजीयन भी निरस्त पाया गया। निरीक्षण दल के मुताबिक उक्त अस्पतालों में यह खामियां पूर्व में भी मिली थी जिसे सुधारने के लिये 1 माह से भी अधिक का समय दिया गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया लिहाजा अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किया गया है।

जिले की 52 अस्पतालों को मिला था नोटिस
जानकारी के मुताबिक एक माह पूर्व स्वास्थ्य व प्रशानिक अमले की टीम ने जिले के सभी निजी नर्सिग होम और प्राइवेट अस्तपालों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण दल ने कुल 52 अस्पतालों को नोटिश जारी कर एक माह के भीतर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को कहा जिसके बाद एक बार फिर अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। अब तक आधा दर्जन अस्तपालों का निरीक्षण किया जा चुका है जिनमें से 2 अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किये गए है जबकि अन्य अस्पतालों का निरीक्षण अभी कराया जा रहा है।

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