पति के सपनों को पूरा करने लिया था सेना में जाने का निर्णय, अब वीर नारियों के लिए बनी प्रेरणाश्रोत
तेज खबर 24 रीवा।
गलवान घाटी में 2020 में शहीद हुए नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने भारतीय सेना में शामिल होकर मिसाल पेश की है। वह चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी की पास आउट परेड में शामिल होने वाली 40 महिलाओं में शामिल हैं। लेफ्टिनेंट रेखा सिंह को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ;एलएसीद्ध के साथ फ्रंटलाइन बेस पर तैनात किया गया है। लद्दाख की ही गलवान घाटी में बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में शामिल उनके पति तैनात थे। लेफ्टिनेंट रेखा ने कहा कि पति के शहीद होने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया था।
शहीद दीपक सिंह गहरवार की पत्नी रेखा सिंह ने भारतीय सेना में शामिल होकर न केवल विंध्य का मान बढ़ाया है, बल्कि वीर नारियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी बनी हैं। जिले के मनिकवार के पास स्थित छोटे से गांव फरेंदा के दीपक की शहादत के महज 15 महीने पहले ही उनके वैवाहिक जीवन की शुरुआत हुई थी। उनके साथ जीवन गुजारने के संकल्प के साथ जोगिनहाई गांव से आईं रेखा सिंह ठीक तरह से पति और परिवार के बारे में समझ पातीं, इसके पहले ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। पति की शहादत के बाद रेखा ने दीपक के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेते हुए सेना में जाने का ठाना। शहीद के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना में थे, जिन्होंने रेखा को सेना में जाने की प्रक्रिया बताई। परीक्षा पास कर 20 मई 2022 को रेखा चेन्नई में ऑफिसर ट्रेनिंग एकडेमी पहुंचीं और अन्य कैडेट्स के साथ ट्रेनिंग पूरी की। 29 अप्रेल को लेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्ति हो गई है।
सिर्फ 27 दिन बिताए थे एक साथ
रेखा और दीपक की शादी 30 नवंबर 2019 को हुई थी। दोनों एक दूसरे के साथ 27 दिन ही बिताए थे। दीपक छुट्टी पूरी होने के बाद 15 दिसंबर 2019 को वापस चले गए थे। इसके बाद फरवरी 2020 में आए और 12 दिन साथ रहे। इन्हीं दिनों में दोनों ने एक.दूसरे को जाना और समझा।
15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में दीपक सिंह गहरवार सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शहीद को कंधा देने फरेंदा गांव पहुंचे थे और सरकार की ओर से कई सहायताएं देने की घोषणा की थी। सरकार ने एक करोड़ रुपए की श्रद्धानिधि और रीवा में मकान के साथ ही पत्नी को शिक्षक की नौकरी भी दी थी। रेखा की चिरहुला के प्राथमिक स्कूल में पोस्टिंग भी हुई थी। लेकिनए शिक्षक की नौकरी को छोड़ देश के लिए कुछ करने की ठान चुकी थीं।
सेना में शामिल होने हर कठिनाई को दी मात
पति की शहादत के बाद रेखा सिंह ने शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर सेना में अफसर बनने का सपना देखा, लेकिन यह राह आसान नहीं थी। रेखा सिंह ने नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और प्रशिक्षण लिया। रेखा ने फिजिकल ट्रेनिंग ली थी लेकिन इसके बावजूद पहले प्रयास में वो सफल नहीं हो पाईं। इसके बावजूद रेखा ने हिम्मत नहीं हारी, सेना में जाने की तैयारी करती रही। रेखा को दूसरे प्रयास में ही सफलता मिल गई। अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर उनका चयन हो गया है। रेखा एक साल का प्रशिक्षण पूरी कर चुकी हैं। रेखा सिंह के मुताबिक शादी के बाद उनके पति शहीद दीपक सिंह ने ही अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था। रेखा सिंह ने पति की शहादत के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया था।