रीवा लोकायुक्त की टीम नें सिंगरौली की नौडिहवा पुलिस चौकी में की ट्रेप कार्यवाही…
तेजखबर 24 रीवा-सिंगरौली।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए रीवा लोकायुक्त की टीम ने आज एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त की टीम ने सिंगरौली जिले में पदस्थ पुलिस विभाग के एक आरक्षक को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। हालकि रिश्वत के इस खेल में एक नहीं बल्कि 2 आरक्षको की मिलीभगत थी जिस पर लोकायुक्त एफआईआर में दोनो को आरोपी बनाया है।
आरक्षकों ने यह रिश्वत एक महिला की शिकायत पर फरियादी के विरुद्ध एफआईआर ना दर्ज करने की एवज में मांगी थी। पहले तो आरक्षक ने रिश्वत में 1 लाख की मांग की लेकिन बाद में सौदा 30 हजार में तय हुआ और आज लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत की दूसरी किस्त के रूप में 10 हजार ले रहे आरक्षक अनूप यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल यह कार्रवाई आज सुबह सिंगरौली जिले के गढ़वा थाना अंतर्गत नौडिहवा पुलिस चौकी में की गई है। करवाई के संबंध में लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया है कि फरियादी आजाद प्रसाद निवासी ग्राम तमाई जिला सिंगरौली जो कि पेशे से मजदूर है, उसने रीवा लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि नौडिहवा पुलिस चौकी में उसके खिलाफ एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है जिस पर एफआईआर ना करने के एवज में चौकी में पदस्थ आरक्षक अनूप यादव और संजीत यादव के द्वारा 1 लाख बतौर रिश्वत की मांग की जा रही है।फरियादी के द्वारा काफी मिन्नते करने के बाद सौदा 30 हजार में तय हुआ।
फरियादी द्वारा की गई उक्त शिकायत की लोकायुक्त ने पहले तो तस्दीक की और जब शिकायत जांच में सही पाई गई तो रेप कार्रवाई को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। बताया गया कि 30 हजार में सौदा तय होने के बाद आरक्षको ने बतौर एडवांस 10 हजार 24 जून को ही ले लिए थे जबकि आज फरियादी को दूसरी किस्त के लिए चौकी बुलाया गया था। फरियादी ने जैसे ही चौकी पहुंचकर रिश्वत के 10 हजार आरक्षक अनूप यादव के हाथों में दिए तभी वहां पहले से घात लगाकर बैठी लोकायुक्त की टीम ने आरक्षक को धर दबोचा।
बताया जाता है कि लोकायुक्त की इस कार्रवाई के दौरान दूसरा आरक्षक भी वहां मौजूद था जो कार्यवाही की भनक लगते ही वहां से भाग खड़ा हुआ। फिलहाल लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़े गए आरक्षक अनूप यादव के साथ-साथ आरक्षक संजीत यादव को भी आरोपी बनाया है और दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई की जा रही है।