जन्माष्टमी विशेष : 101 साल बाद जन्माष्टमी पर महासंयोग, जानिए क्यों खास है इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार…
जन्माष्टमी पर खीरे का है विशेष महत्व, खीरे के बिना अधूरी रहती है पूजा…
तेज खबर 24 जनमाष्टमी।
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बेहद ही खास पर्व होता है लेकिन इस बार मनाई जाने वाल जनमाष्टमी का एक अलग ही महत्व माना जा रहा है। धर्म के जानकारों की मांने तो इस बार जन्माष्ठमी पर 101 साल बाद महासंयोग एवं 27 सालों बाद जयंती योग बन रहा है, ऐसे में इस बार मनाई जाने वाली जन्माष्टमी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
बता दें कि श्री कृष्ण जन्माष्ठमी का पर्व कल यानी 30 अगस्त को देश सहित पूरे विश्वभर में मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर परिवार की सुख और शांति के लिये भगवान से प्रार्थना करते है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन वृत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। संतान प्राप्ति, आयु और समृद्धि के लिये जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाई कंस के अत्याचार सहते हुये कारागार में बंद माता देवकी की आठवी संतान के रुप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान ने पृथ्वी को कंस के आतंक से मुक्त कराने के लिये अवतार लिया था और इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का विशेष महत्व…
जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने के लिये खीरा बहुत जरुरी है। मान्यता है कि खीरे से भगवान श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न होते है, खीरा चढ़ाने से भगवान भक्तों के सारे कष्ट हर लेते है। इसीलिये जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का उपयोग जरुर किया जाता है।