वर्षो से रुकी पदोन्नति व पुरानी पेंशन बहाली सहित विभिन्न मांगो को लेकर प्रदेशभर में किया गया प्रदर्शन…
तेज खबर 24 रीवा।
मध्यप्रदेश में अधिकारियों व कर्मचारियों की वर्षों से रुकी हुई पदोन्नति व पुरानी पेंशन बहाली जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर आज प्रदेश भर में अधिकारी व कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदेश व्यापी इस प्रदर्शन में रीवा में भी अधिकारी व कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने गांधी जयंती के अवसर पर गांधी जी की प्रतिमा को ज्ञापन पत्र सौंपते हुए सरकार से विभिन्न मांगों पर अमल करने की मांग की है।
बता दें कि प्रदेश भर में आज 30 से ज्यादा कर्मचारी संगठनों के द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गांधी की प्रतिमा के पास बैठकर प्रदर्शन किया जा रहा है।रीवा में यह प्रदर्शन गांधी मेमोरियल अस्पताल के मुख्य द्वार पर स्थित गांधी जी की प्रतिमा के पास किया गया। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किए गए प्रदर्शन के दौरान सरकार को अपनी मांगों पर ध्यानाकर्षण कराया गया है।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा दो मंत्री समूह का पूर्व में गठन किया गया था। एक मंत्री समूह का गठन पदोन्नति के बारे में निर्णय हेतु एवं दूसरे मंत्री के समूह का गठन कर्मचारियों के अन्य मांगों के निराकरण के लिए किया गया लेकिन दोनों ही मंत्री समूह द्वारा आज दिनांक तक ठोस निर्णय लेकर कोई आदेश नहीं किए गए हैं वहीं पूरे भारतवर्ष में मध्य प्रदेश ही एक ऐसा एकलौता राज्य बन गया है कि जहां पिछले 6 वर्षों से प्रदेश के अधिकारी व कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है जिससे प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों में दिन प्रतिदिन निराशा बढ़ती ही जा रही है और शासकीय कार्यों पर भी इसका विपरीत असर पड़ रहा है। रीवा में मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन पत्र गांधी जी की प्रतिमा को सौंपा गया है।
कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की यह है प्रमुख मांगे…
1.मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू की जावे।
- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियां अति शीघ्र प्रारंभ की जाए।
- लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतन दिया जाए।
- सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए।
- नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक (शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक, गुरुजिओ) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता के आदेश जारी करते हुए क्रमोन्नति का लाभ दिया जाए।
- सर्वप्रथम दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी, आउट सोर्स आदि कर्मचारियों को विभाग में रिक्त विभिन्न पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती किया जाए एवं विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितीकरण के अधिकार के आदेश दिए जाए एवं कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए।
- समयमान वेतनमान के आदेश के उपरांत सहायक शिक्षक/ शिक्षक एवं हेड मास्टर को वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पदोन्नति पदनाम दिया जाए एवं ग्रेड पे में सुधार किया जाए एवं 300 अर्जित अवकाश दिवस का नकदीकरण के आदेश किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मंडल में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भर्ती सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के समान दिया जाए।
- प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- पंचायत सचिव एवं स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।
- प्रदेश के पटवारियों का ग्रेड पे 2800 रुपए किया जाए।
- वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध में कोई भी गिरफ्तारी नहीं की जाए।
- स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण किया जाए।
- वाहन चालकों की नियमित भर्ती जाए एवं पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर प्रतिबंध लगाया जाए।
- भ्रृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जाए।
- आयुष विभाग के कर्मचारियों की नैतिक मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को मान. उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार नियमित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
- प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाए एवं नियमों का सरलीकरण किया जाए।
- अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाए।
- आशा कार्यकर्ताओं को 10000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाए।